बिहार में पहली बार पारदर्शिता के साथ 94 हजार शिक्षकों की बहाली हो रही है ,इस बार बहाली में फर्जी लोग शिक्षक न बन जाए इस लिए दस्तावेजात की जांच उपरांत ही जाइनिंग लेटर निर्गत करने की बात पर कार्रवाई जारी है । 5,6,7,8 और 12 जुलाई को हुई कानसिलिंग में 400 से अधिक नियोजन इकाईयों में धांधली हुई जिस कारण 400 नियोजन इकाई पर प्राथमिक निदेशक डॉ रंजित कुमार सिंह ने कारवाई की, अभ्यर्थीयों में एक आशा थी कि उन बहाली पारदर्शिता के साथ होगी, ऐसे में रंजित कुमार सिंह की तबादला एक निंदनीय विषय है
नितीश सरकार ने पहले भी बहुत सारे फर्जी लोगों को शिक्षक बनाए हैं अब की बार भी वही करने की मंशा से पारदर्शी तरीके अपनाने वालों को तबादला करने में जुटे हैं
जिस प्रकार बिहार शिक्षक बहाली में दसको से भरस्टाचार फैला हुआ है ये किसी से छिपा नहीं आज भी हजारों फर्जी शिक्षक काम कर रहें है उन पर कारवाई बड़ी सुस्ती के साथ हो रही है। रणजीत सर जैसे ईमानदार अधिकारी यदि अभ्यर्थी के शिकायत को सीधे सुनते थे और तुरंत करवाई कर रहे थे जिसका नतीजे में हम लोगो ने देख लिया कि छठे चरण के पहले फेज में 400 नियोजन इकाई पर FIR और करवाई किये गए हैं ताकि बहाली पारदर्शी तरीके से हो लेकिन अभ्यर्थी जानना चाहते हैं कि वह कौन सी मज़बूरी है कि एक ईमानदार IAS अफसर का तबादला बिच बहाली में करनी पड़ी!?
अभ्यर्थीयों ने ट्विटर पर हैच टैग
#We_Want_RanjitKrIAS_ComeBack
ट्रेन कराया जो कि दिन भर एक नम्बर पर रहा!!