कल्याणी झील कदवा कटिहार इस समय कियों चर्चित में है ?.

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Kalyani mela
कल्याणी झील ,अपनी खूबियों की वजह से आस पास के इलाक़े में प्रसिद्ध हैं ।
*कल्याणी झील की हवा
*कल्याणी झील का पानी
*कल्याणी झील की मछली
*कल्याणी झील का घोंघा
कल्याणी झील में सुबह शाम सीमित 2 घड़ी एक तरह की हवा चलती है जो बीमारों को राहत पहुंचाती! दिल को सुकून दिलाता है।
कल्याणी झील का पानी आस्था की दृष्टि से बहुत ही गुणकारी माना जाता है। माघ के पूर्णिमा में प्रत्येक वर्ष श्रध्दालु अपने मन की कामना को पूरा करने आते हैं। और पवित्र कल्याणी झील में डुबकी लगाते हैं ।
यहां एक रानी मछली है जो मछवारे के जाल में आता है। ये मछली सोने के गहने से लैस होती हैं, कोई भी मछवारे भूल से भी इसे अपने झोली में रखने की कोशिश नहीं करते!!
कल्याणी झील में घोंघा भी प्रचुर मात्रा में मिलता है। यहां के स्थानीय लोग बतख शौक से पालते हैं ,जब बतख के छोटे छोटे बच्चे कतार बध हो कर अठखेलियां खेलते हुए झील का सैर करते हैं तो मानो आंखें उस तरफ ताकती रह जाती हैं ।
इन सारी खूबियों से भरी ये कल्याणी झील एक उड़ान व हौसले के इंतजार में हैं, बस बिहार सरकार व भारत सरकार की थोड़ी सी नज़रे करम, लाखों पर्यटकों की पहली पसंद बन सकती है।
कल्याणी झील पर मेला को राजकीय मेला का दर्जा देने से आस पास में विकास की गंगा बहने लगेगी । यातायात सुचारू रूप से चालू हो जाएगा। और सालों से अविकसित कल्याणी बहुत जल्द प्रसिद्ध व विकसित हो जाएगा।
हम इस लेख से जन प्रतिनिधियों की ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।