शकील अहमद खां 64 विधानसभा कदवा से क्यों हार रहे हैं कारण जानिए!!!

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A Political Analysis of 064 Kadwa Vidhansabha
शकील अहमद खां 2015 में मात्र 5799 मतों से जीते हैं जिस वक्त गठबंधन में जदयू, राजद व काग्रेस एक साथ थे।
2020 में जदयू अपनी 19 हजार वोटों के साथ गठबंधन से अलग हैं जो कि 13 हजार वोट आटोमेटिक शकील अहमद के खाते से कम हो गए ।
दूसरी बात, 2015 में शकील अहमद के खिलाफ कोई मुस्लिम चेहरा मैदान में नहीं था ।
इस बार कदवा से दो बड़े मुस्लिम चेहरा नजाम राही व डॉ एम आर हक के रूप में सामने हैं जो कि अच्छी खासी वोट प्राप्त करेंगे।
डॉ एम आर हक आम आदमी पार्टी में रह कर छ: साल तक जनता के बीच काम क्या है बाढ़ के दौरान राहत स्वास्थ्य सिवीर भी लगाए हैं, जनता की हक की लड़ाई लड़े हैं ।
सूरजा पूरी बिरादरी के 85% वोट एम आर हक साहब प्राप्त करेंगे ।
नजाम राही ये हर दिल अजीज हैं, छोटे बड़े सभी से इन को लगाव व प्यार है । कदवा वासीयों के हर समस्या के साथ नजाम राही खड़े रहते हैं, साथ ही साथ इन का चुनाव चिन्ह घड़ी छाप है, कदवा व कटिहार में घड़ी सांसद तारिक अनवर साहब की मेहनत से मताओ के बीज जानी पहचानी तस्वीर है गरीब किसान मजदूर के महिलाएं घड़ी पर जम कर वोट करेंगे । शेरशाहवादी बिरादरी के भी अच्छे खासे वोट नजाम राही को मिलेंगे , नजाम राही लाकडाउन के काल में बाहर फंसे हजारो परिवारों को राहत सामग्री पहुंचाने का काम किए थे।
यही वजह है कि गेठौरा, रतनी, भर्री सिकोरना ,सिंगापुर, बाउरा बिजली आदि के हजारों परिवार के लोग नजाम राही से दिल से जुड़े हैं ,और ये सारे हिंडन वोटर्स हैं ।
नजाम राही के लिए एक पोजिटिव यह भी है कि बंदा लोकल में लोक प्रिय हैं । लोकल मुद्दा जब से उठा है तो नजाम राही को लोग लोकल में ज्यादा फ़ोकस करते हैं ।
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दूसरी तरफ लोकल में पूर्व पथ मंत्री हेमराज सिंह जी हैं इन के पास हमेशा से लगभग 25 हजार वोट रहते हैं बंदा लोकल भी है और अपने जमाने कदवा को पूर्णिया से व बारसोई से व कटिहार से जोड़ने का काम क्या था ।
हेमराज जी भाजपा से व राकांपा से भी चुनाव लड़े थे इस बार कदवा से भाजपा को टिकट नहीं है और एनडीए की गठबंधन से जिसे टिकट मिला है व सब बाहरी हैं तो भाजपा की वोट भी अब मंत्री हिमराज सिंह के खाते में!!
चंद्र भूषण ठाकुर जी रामविलास पासवान जी की पार्टी से है। ये भाजपा की टिकट से भी चुनाव लड़े थे बाहरी होने के नाते चंद्र भूषण को सिर्फ़ पासवान व छोटे जाती के के 50%वोट मिलेंगे।
जदयू के सूरज कुमार राय को निर्दलीय उम्मीदवार के समान वोट मिलेंगे!!! पार्टी व गठबंधन का कोई खास फायदा नहीं होगा!!!
लोकल लाओ बाहरी भगाओ के नारे से पूरा कदवा गूंज रहा है।
ऐसे में पूर्व पथ मंत्री हेमराज सिंह व लोक प्रिय, समाजसेवी नजाम राही के किस्मत के पिटारे खुलते नजर आ रहे हैं।
इस तरह आंकड़े बताते हैं कि शकील अहमद खां 21 हजार वोटों से हार जाएंगे ।
ये आंकडे बदल भी सकते हैं।
I’m Sorry to say

सद्दाम रिफ्अत: टी जी टी सामाजिक विज्ञान, मानू माडल स्कूल, हैदराबाद

नोट :इंकलाब मीडिया में प्रकाशित लेख लेखक की अपनी राय होती