इन तस्वीरों को देखें कितनी मशक्कत व परेशानी से लोग रेलवे लाइन पार कर रहे हैं मानों विकास की गंगा कदवा से होकर बहती हो। लोगों की संघर्ष को देख कर हमारे प्रतिनिधियों पर अफसोस होता है। रेलवे लाइन के दोनों पार पक्की काली सड़क दस साल से बन के तैयार है जो कि कदवा को डायरेक्ट कोलकाता को जोडने वाली सड़क है ।
व्यापारिक दृष्टि से यहां रेलवे फाटक सीधे तौर पर कदवा के व्यापारी व कदवा के जनता को प्रभावित कर रही है ।
अफसोस तब होता है जब हमारे चुने हुए प्रतिनिधि इतने अहम मुद्दे को उठाते ही नहीं हैं हम ने आज तक जनता द्वारा चुनी हुई किसी भी प्रतिनिधि को रेलवे फाटक बनाने के लिए आंदोलन करते हुए नहीं देखा है, आंदोलन करना तो दूर की बात किसी ने भी मीडिया के सामने इस मुद्दा को उठाया तक नहीं और न ही रेलवे बोर्ड को पत्र लिख कर फाटक की मांग की हो!!
हां जहां तक बात है स्थानीय लोगों की तो यह लोग बाराबर इस मुद्दे को उठाते रहते हैं और सरकार से रेलवे फाटक की मांग करते रहते हैं । कई बार तो रेल फाटक की मांग कर रेल चक्का जाम करने वाले समाजी कार्यकर्ता को जेल की हवा भी खाने पड़े हैं पर तथाकथित आन बान शान वाले प्रतिनिधि के कान के जूं तक नहीं रेंगती!!
झौआ ब्रिज के दोनों किनारे से लोग की एक बड़ी संख्या जान को जोखिम में डाल कर बाइक, साईकिल व पैदल जाने को मजबूर हैं कई बार तो कदवा वासियों को जान की कुरबानी भी देनी पडती है अभी हाल ही में एक बाईक सावार की ख़ून माल गाड़ी की इंधन बनी, परिजनों में सन्नाटा छा गया लोग भयभीत होकर सहम गए प्रतिनिधि गण मृतक को श्रंधंजली अर्पित किए!! मगर किसी आन बान शान वाले प्रतिनिधि रेलवे फाटक बनाने पर एक शब्द भी नहीं बोले!! 
सुनने में आ रहा है कि आम आदमी पार्टी, कटिहार जिला अध्यक्ष डॉ एम आर हक, सील फाटक को खुलवाने के लिए आंदोलन करेंगे !! इन का दर्द शायद इस लिए छलका हो कि वह भी इसी परेशानी के बराबर शिकार होते हैं।
जनता की प्रतिनिधि इस संबंध में आवाज नहीं उठा रहे हैं आवाज़ उठाने वाले स्थानीय लोग हैं ।
हम आग्रह करना चाहेंगे हमारे कटिहार जिले के एम पी गोस्वामी जी से और कदवा विस क्षेत्र 64 के एम एल ए खान साहब से कि अति शीघ्र रेलवे फाटक बनाने की कृपा करें हम सादर आप के आभारी होंगे ।
धन्यवाद
सद्दाम रिफ्अत: टी जी टी सामाजिक विज्ञान, मानू माडल स्कूल, हैदराबाद.