पहचान पाए!!??
यह छतयन घाट / डुमरिया घाट है जो कदवा प्रखंड के अंतर्गत आता है,
यहां एक पुल तीन साल से बन के तैयार है फ़िर भी जनता को इस का लाभ क्यू नहीं मिल पा रहा है । रात में तेज़ बारिश हुई नदी ने दस्तक दे दी!!
तैयार हो जाओ सिकोरना, जाजा ,कुजीबना उफरैल वालों ।
और कुछ लोग आन बान शान की बात करते हैं!!!
कदवा के जनता के पास आन नहीं! यहां के नेताओं में शान नहीं! बान का कोई मतलब नहीं!
जनता में आन होती तो चमन चूतियो को लाते नहीं!!
नेताओं में शान होती तो कदवा को इतने पिछडे रखते नहीं!!!
चार साल से एक छोटा सा काम छतयन घाट /डुमरियाघाट पर बने पुल करोड़ों की लागत से बन कर तैयार है दोनों तरफ मिट्टी भराई का काम न होने के कारण लोगों के लिए हाथी दांत बन कर रह गए!!!
यह पुल कितना महत्वपूर्ण है इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि यह सिकोरना से जाजा के रास्ते चौकी तक के लोगों के लिए मुख्य द्वार है जिस रास्ते होकर दस हज़ार लोगों की रोजाना आवागमन बड़ी मुश्किल से हो रही है इस पथ को ठीक हो जाने पर 50 हजार लोगों की आवागमन शुरू हो जाएगी।
इस पथ के न बनने के चलते किसानों को 2₹ किलो अनाज के दाम हमेशा कम मिल रहे हैं और खाद बीज खरीदने में 2₹ महंगा खरीदने पड़ते हैं।
इस इलाके के किसान मजदूर के बच्चों को हाई स्कूल जाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है बहुत बच्चे रास्ते की कठिनाई से बेजार होकर पढ़ाई छोड़ देते हैं ।
मरीजों को कांधे पर उठा कर ले जाना पड़ता है।
रिपोर्टर : सद्दाम रिफ्अत,Salafi, M.ed