तालाबंदी 4.0 की अंत में बिहार सरकार की खोखले दावे की सच जानना चाहते हैं आप तो पढें पूरा लेख !!
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि उन की डबल इंजन की सरकार अब तक बिहार राज्य में 11, हज़ार से अधिक क्वारंटाइन कैंप में साढ़े आठ लाख से अधिक लोगों को रखा गया है और उन्हें बर्तन, कपड़ा, तेल, कंघी,टूथब्रश, छोटा आइना, बाल्टी, मग, मच्छरदानी और दरी उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही कैंप से निकलते समय ट्रेन के किराए के साथ 500 रुपए की अतिरिक्त राशि उनके खाते में भुगतान किया जा रहा है।
इस दावा का सच क्या है! जमीनी हकीकत क्या है!
क्या? कारेंटीन सेन्टर में रखे गए मजबूर लोगों को बर्तन, कपड़ा, तेल, कंघी,टूथब्रश, छोटा आइना, बाल्टी, मग, मच्छरदानी आदि दिया जा रहा है??
हमारे कदवा कटिहार के कारेंटाईन सेंटरों में बर्तन, कपड़ा, तेल, कंघी,टूथब्रश, छोटा आइना, बाल्टी, मग, मच्छरदानी और दरी आदि तो दूर की बात लोगों को खाने तक सही से नहीं मिल रहे थे स्कूल के कमरे में प्रवासी को जानवरों जैसा रखे जा रहे थे सोशल डिस्टेंस की सरकारी धज्जियां उड़ाई जा रही थी मजदूर भूख से परेशान सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए थे। मजबूरन कारेंटीन सेंटरों में रखे गए लोग सड़कों पर सो कर सरकार की विरोध प्रदर्शन कर क़ैद से आजाद हो पाए।
प्रदर्शन इस प्रकार की थी। कि सड़कों पर अवाजही में दिक्कत होने लगी ! लोकल प्रशासन ने उन्हें अपने कंट्रोल में लेकर, रास्ते खुलाए और फ़िर बहुत सारे कारेंटीन सेंटरो की छुट्टी कर दी गई!!
कुछ स्कूलों में परिवार के लोगों को खाना पहुंचाने की नौबत तक आ गई ,मजदूरों द्वारा हंगामा किए जाने पर दो तीन दिनों में उन लोगों को घर भेज दिया गया कुछ सेंटरों में 21 दिनों की जगह 10 -12 दिनों में ही छुट्टी कर दिया गया , उन्हें न ही बर्तन, कपड़ा, तेल, कंघी,टूथब्रश, छोटा आइना, बाल्टी, मग, मच्छरदानी मिला और न ही 500 रूपए की सहायता राशि और राशन तो सपना सा हो गया !!
इतनी बड़ी बड़ी झूठी दावा कैसे कर लेते हैं, जमीनी सच्चाई कुछ और बयां कर रही है और सरकारी कागजात व दावा में सब कुछ ठीक ठाक मालूम पड़ता है ऐसा कैसे हो सकता है हमारी मीडिया अपना ज़मीर कैसे बेच बैठी है ,लाज शर्म कुछ भी नहीं बचा क्या!!??
इसके अलावा बिहार सरकार यह भी दावा कर रही है कि बिहार सरकार अब तक राशन कार्ड धारियों के खाते में 1 हज़ार रुपया की राशि ट्रांसफर कर दी है। 84,76,000 पेंशनधारियों के खाते में 1017 करोड़ रुपये का राशि तीन महीने के पेंशन का अग्रिम भुगतान किया गया है। क़रीब 1, करोड़ 8 लाख छात्र छात्राओं के खाते में 3102 करोड़ रुपया उनकी छात्रवृत्ति, पोशाक और साइकिल योजनाओं का ट्रांसफर किया गया है।
किसानों के लिए फ़सल क्षेत्रों फ़सल क्षति के कारण 730 करोड़ रुपये दिया गया है और अभी लॉकडाउन की वजह से बिहार के बाहर फंसे बिहार के बीस लाख पैंतीस हज़ार से अधिक मज़दूरों के खाते में एक हज़ार रूपये के दर से दो सौ तीन करोड़ रुपये की सहायता राशि ट्रांसफर कर दी गई है ।
लेखक : सद्दाम रिफ्अत, टी जी टी, सामाजिक विज्ञान, मानू माडल स्कूल, हैदराबाद।